Health Insurance लेना क्यों है जरूरी? खरीदने से पहले इन खास बातों का रखें ध्यानHealth Insurance लेना क्यों है जरूरी? खरीदने से पहले इन खास बातों का रखें ध्यान

जब आप युवा होते हैं तो आपको लगता है कि स्वास्थ्य बीमा खासकर बुजुर्गों के लिए जरूरी है। लेकिन यह जरूरी नहीं कि सच हो. युवा लोग भी बीमारियों, विकलांगताओं और चिकित्सा आपात स्थितियों का शिकार हो सकते हैं। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में अब किसी के पास अपनी सेहत का ख्याल रखने का समय नहीं है। स्वास्थ्य बीमा आपकी बहुत मदद कर सकता है. हर दिन नई बीमारियों के तेजी से उभरने और अस्पताल की बढ़ती लागत के साथ, स्वास्थ्य बीमा बहुत महत्वपूर्ण है। भारत में स्वास्थ्य देखभाल की लागत बहुत अधिक है। मुद्रास्फीति भी हर साल लगभग 8% की दर से बढ़ रही है, जिससे अच्छा स्वास्थ्य बीमा आवश्यक हो गया है। स्वास्थ्य बीमा खरीदने से पहले आपको इन बातों पर विचार करना चाहिए।

चाहे आपकी उम्र कितनी भी हो, जितनी जल्दी हो सके स्वास्थ्य बीमा खरीद लें। किसी पॉलिसी को लेने के लिए आपको कितना भुगतान करना होगा यह वास्तव में काफी हद तक आपकी उम्र पर निर्भर करता है। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, आपको बीमा कवरेज के लिए अधिक भुगतान करना पड़ता है। उम्र के साथ, एक व्यक्ति में कई बीमारियाँ विकसित हो जाती हैं जो पॉलिसी द्वारा कवर नहीं होती हैं। ऐसी स्थिति में जैसे ही आप स्वास्थ्य बीमा लेते हैं, आप मेडिकल जांच के झंझट से बच जाते हैं। पारिवारिक इतिहास होने से इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि जीवनशैली से जुड़ी कुछ बीमारियाँ अगली पीढ़ी तक पहुँच जाएँगी। ऐसे मामलों में, स्वास्थ्य बीमा प्राप्त करने से मदद मिल सकती है।

हेल्थ इंश्योरेंस क्या है?

आजकल, स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) एक बड़ी जरूरत आवश्यकता बन गया है। मूल रूप से, यह एक प्रकार का बीमा है जिसके तहत आप चिकित्सा और सर्जिकल खर्चों के लिए खर्च के लिए क्लेम कर सकते हैं सीधे शब्दों में कहें तो, यदि आप बीमार हैं तो आपको अस्पताल में रहने और दवाओं के लिए भुगतान नहीं करना पड़ेगा। बीमा कंपनी आपकी पॉलिसी के अनुसार सभी लागतों को कवर करेगी। वास्तव में, यह बीमा कंपनी की ओर से बीमाधारक को बीमारी या दुर्घटना के कारण अस्पताल में होने वाले उच्च खर्च को वहन करने की गारंटी है।

हेल्थ इंश्योरेंस किस तरह काम करता है ?

आम तौर पर, स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) प्रदान करने वाली बीमा कंपनियां प्रमुख अस्पतालों के साथ साझेदारी करती हैं और बीमाधारक को कैशलेस सेवाएं प्रदान करने में सक्षम होती हैं। हालांकि, अगर उस बीमा कंपनी का अस्पताल के साथ कोई समझौता नहीं होता है, तो वह पॉलिसीधारक को उसके द्वारा इलाज पर किए गए खर्च को बिलों के आधार पर Reimburse करती है. सरकार भी आयकर (income tax) कटौती की सुविधा देते हुए स्वास्थ्य बीमा को लगातार बढ़ावा दे रही है.

अच्छे हेल्थ इंश्योरेंस का कैसे चयन करें

आम आदमी को एक अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस का चयन करना हमेशा ही एक कठिन काम रहा है अगर आप नहीं जानते की एक अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस कैसे चुने तो अब आप इसे जान जायेंगे।

बेसिक कवर-

यह वह अमाउंट होता है कि जितने रूपये तक आप फ्री में अस्पताल में इलाज करवा सकते हैं अर्थात अगर क्लेम अमाउंट इससे ज्यादा होगा तो वह पैसा आपको भरना पड़ेगा।आज कल की स्वास्थ्य देखभाल की लागत के अनुसार यह एक हार्ट सर्जरी की कीमत के बराबर होना चाहिए क्यों की दिल्ली में हार्ट सर्जरी की लागत और कानपुर की हार्ट सर्जरी की लागत अलग -2 है अतः एक ही फैमिली के लिए इन दोनों जगह पर हेल्थ इन्शुरन्स के बेसिक सम assured की कीमत अलग -2 होगी। फिर भी अगर जनरल बात की जाये तो एक आपको 10 लाख रूपये का सम assured होना चाहिए।

रूम रेंट लिमिट

अगर हो सके तो ऐसा इन्शुरन्स चुने जिसपर कोई रूम रेंट की लिमिट ना हो। अक्सर ऐसा देखा जाता है की सरकारी बीमा कंपनियां 1 % सम auurered की रूम रेंट की कैपिंग लगाती हैं। इसलिए रूम रेंट की कैपिंग वाले इन्शुरन्स को नजअंदाज करें तो बेहतर होगा।

सह-भुगतान Co Pay

सह-भुगतान पॉलिसीधारक द्वारा भुगतान किए जाने वाले दावे का हिस्सा है, जबकि बाकी का भुगतान बीमाकर्ता द्वारा किया जाता है। हमेशा 0% सह-भुगतान या न्यूनतम सह-भुगतान वाली योजना पर ध्यान दें।

अस्पताल में भर्ती होने से पहले का कवरेज

अस्पताल में भर्ती होने से पहले किए गए खर्च, जैसे डॉक्टर के पास जाना, डायग्नोस्टिक टेस्ट आदि। बीमा कंपनी अस्पताल में भर्ती होने से कुछ दिनों पहले (जैसे 30-90 दिन) तक ऐसे खर्चों का भुगतान करती है।यह जितना ज्यादा होगा उतना ही अच्छा होगा आम तौर पर यह 60 दिन होता है।  

अस्पताल में भर्ती होने के बाद का कवरेज

अस्पताल में भर्ती होने के बाद होने वाले खर्च, जैसे डॉक्टर के पास जाना, दवाइयाँ आदि। बीमा कंपनी अस्पताल में भर्ती होने के बाद एक निश्चित संख्या तक (जैसे 30-180 दिन) ऐसे खर्चों का भुगतान करती है। यह जितना ज्यादा होगा उतना ही अच्छा होगा आम तौर पर यह 180 दिन होता है।

डे केयर उपचार

ऐसे उपचार जिनमें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती, जैसे मोतियाबिंद, कीमो आदि यदि पालिसी में यह है तो आपको अच्छा रहेगा।

एम्बुलेंस शुल्क

अस्पताल में भर्ती होने से पहले या बाद में एम्बुलेंस लेने के लिए खर्च भी पॉलिसी पर कवर होना चाहिए। यह जितना ज्यादा होगा उतना ही अच्छा होगा ।

प्रतीक्षा अवधि

अमूमन हेल्थ इंश्योरेंस से पहले दिन से सारी बीमारियाँ कवर नहीं होती हैं इसलिए बीमारी का क्लेम करने से पहले पॉलिसीधारक को न्यूनतम अवधि की प्रतीक्षा करनी होगी। मधुमेह, थायराइड आदि जैसी पहले से मौजूद बीमारियों के मामले में, कम प्रतीक्षा अवधि वाली योजनाओं की तलाश करें।

Maternity cover

बच्चे की डिलीवरी, प्रसव पूर्व और प्रसव के बाद के खर्चों को कवर किया जाता है। बच्चे की योजना बना रहे या उम्मीद कर रहे जोड़ों के लिए यह उपयुक्त है परन्तु अगरआपकी इस तरह की कोई योजना नहीं है तो ऐसी पालिसी लेने से बचें क्यूंकि इन पालिसी में प्रीमियम ज्यादा होता है

विश्वव्यापी कवरेज

यह सिर्फ उनके लिए है जो अक्सर विदेश जाते रहते है और इसका कवरेज जितना अधिक होगा उतना बेहतर होगा क्योंकि विदेशों में चिकित्सा उपचार महंगा है। बाकी लोगों के लिए अगर यह पालिसी पर ना हो तो अच्छा है क्यों की इससे आपका प्रीमियम बढ़ जायेगा।

एयर एम्बुलेंस

हेल्थ इन्सुरेंस पालिसी में इसे भी देखना चाहिए क्यों की इसकी सबसे ज्यादा covid 19 के समय महसूस हुयी थी। अगर यह है तो इसमें खर्च की कोई लिमिट नहीं होनी चाहिए।

अंग दाता के लिए कवर

अंग प्रत्यारोपण के लिए कवर. भी पालिसी में होना चाहिए क्यों की आनेवाले समय में अंग प्रत्यारोपण का चलन काफी बढ़ रहा है इसलिए यदि कोई व्यक्ति निकट भविष्य में ऐसी प्रक्रिया का लाभ उठाना चाहता है, तो उसे उच्च कवर राशि वाली योजना लेनी चाहिए इसमें खर्च की कोई लिमिट नहीं होनी चाहिए।

कैशलेस अस्पताल

ऐसे अस्पताल जिनका बीमा कंपनी से सीधा टाइअप होता है, जहां बीमाधारक कैशलेस इलाज का लाभ उठा सकते हैं। आपके एरिया में नेटवर्क जितना बड़ा होगा उतना ही अच्छा होगा।

दावा निपटान अनुपात

दावा निपटान अनुपात (CSR ) उन दावों का % है जो एक बीमा प्रदाता कुल दावों में से एक वर्ष में निपटान करता है। यह उनकी विश्वसनीयता के संकेतक के रूप में कार्य करता है। एक सामान्य नियम के रूप में, अनुपात जितना अधिक होगा, बीमाकर्ता उतना ही अधिक विश्वसनीय होगा।

Restoration of cover

यदि कई दावों या बड़े दावे के कारण बीमा राशि एक वर्ष में समाप्त हो जाती है, तो यह बहुत उपयोगी सुविधा है। बीमाकर्ता पॉलिसीधारकों को निरंतर कवरेज प्रदान करने के लिए बीमा राशि बहाल करता है।

नो क्लेम बोनस

नो क्लेम बोनस दावा न करने का इनाम है। योजना के आधार पर, बीमाकर्ता बिना किसी अतिरिक्त प्रीमियम के बीमा राशि में 5% से लेकर -100% बोनस जोड़ता है।

Alternate medicine (AYUSH)

कुछ बीमारियों के लिए वैकल्पिक उपचार की आवश्यकता हो सकती है जैसे आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी (आयुष)। यह जांच लें कि क्या आपकी योजना समान और किस सीमा तक कवर करती है इसमें खर्च की कोई लिमिट नहीं होनी चाहिए।

By ANKIT SACHAN

अंकित सचान इन्वेस्टमेंट अड्डा के लेखक , पेशे से इंजीनियर और AMFI Registered म्यूच्यूअल फण्ड डिस्ट्रीब्यूटर हैं।

One thought on “Health Insurance लेना क्यों है जरूरी? खरीदने से पहले इन खास बातों का रखें ध्यान”
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