यदि आप अपना स्वास्थ्य बीमा बदलने के बारे में सोच रहे हैं, तो ध्यान रखें ये खास बातें फायदे में रहेंगेयदि आप अपना स्वास्थ्य बीमा बदलने के बारे में सोच रहे हैं, तो ध्यान रखें ये खास बातें फायदे में रहेंगे

आप अपने स्वास्थ्य बीमा की पेशकश करने वाली कंपनी से नाखुश हैं और अपनी पॉलिसी किसी अन्य कंपनी में स्थानांतरित करना चाहते हैं। इसलिए इस प्रक्रिया को पूरा करने से पहले कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है. इसमें दूसरी कंपनी के कवरेज और लिमिट से लेकर कुछ जरूरी जानकारियां आपे लिए फायदेमंद साबित होंगी।

दूसरे प्लान की पूरी जानकारी जुटाएं

जब आप अपना स्वास्थ्य बीमा स्थानांतरित करते हैं, तो आपकी नई कंपनी को आपकी प्रीमियम दर निर्धारित करने की स्वतंत्रता होती है। यदि आप पोर्ट के दौरान अगर आप उच्च जोखिम वाली श्रेणी में हैं, तो नई कंपनी पुरानी कंपनी की तुलना में अधिक प्रीमियम ले सकती है। ऐसे में आपको पोर्ट करने से पहले इस पर रिसर्च कर लेनी चाहिए और एक नहीं, बल्कि तीन-चार बीमा कंपनियों के प्रोग्राम से पूरी जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए। इसके बाद जिस प्लान से आप संतुष्ट हों उसमें अपनी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी को पोर्ट करा लीजिए।

नई कंपनी के कवरेज को समझें

बहुत से लोग अपनी बीमा पॉलिसी स्थानांतरित कर देते हैं क्योंकि दूसरी कंपनी कम प्रीमियम की पेशकश करती है। नई कंपनी के कवरेज, उसकी लिमिट और सब-लिमिट को समझें।।यह दावा करते समय परेशानी से बचाएगा।. इसके अलावा, अपनी पॉलिसी बदलते समय एक बात जो याद रखना बहुत जरूरी है वह यह है कि यदि आप किसी नई कंपनी के ऑफर के आधार पर अपनी पॉलिसी बदल रहे हैं, तो पहले से ही अन्य कंपनियों के ऑफर की तुलना उससे कर लें।

पूरी प्रक्रिया में लगते हैं 45 दिन

यदि आप अपना स्वास्थ्य बीमा स्थानांतरित करना चाहते हैं, तो आपको अपने स्वास्थ्य बीमा को नवीनीकृत करने से कम से कम 45 दिन पहले प्रक्रिया शुरू करनी होगी। आपको अपनी पॉलिसी के हस्तांतरण के बारे में अपनी वर्तमान बीमा कंपनी को सूचित करना होगा। आपको अपनी नई बीमा कंपनी के बारे में भी जानकारी देनी होगी। एक बार स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू होने के बाद, 30 दिन की छूट अवधि होती है

ये समस्या आने पर ही बदलें कंपनी

1-कंपनी की ओर से ख़राब सेवा
2-पॉलिसी में कम लाभ
3-अपर्याप्त कवरेज
4-डिजिटल फ्रेंडली नहीं
5-रूम किराया सीमा कम होना
6-जटिल दावा प्रक्रिया
7-दावा कवर देने में देरी
8-पारदर्शिता की कमी

By ANKIT SACHAN

अंकित सचान इन्वेस्टमेंट अड्डा के लेखक , पेशे से इंजीनियर और AMFI Registered म्यूच्यूअल फण्ड डिस्ट्रीब्यूटर हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *