दोस्तों अब 2021 -2022 वित्त वर्ष ख़त्म होने में सिर्फ 10 दिन बचे हैं और अगर अपने अभी तक तक इनकम बचाने के लिए कोई भी निवेश नहीं किया है तो जल्दी करें। अगर समय ज्यादा हो तो विकल्प ढूढ़ने में आसानी होती है परन्तु जब कम समय हो तो ये समस्या बढ़ जाती है। आईये जानते है वह कौन -२ से विकल्प हैं जो आपके लाखों रूपये टैक्स बचा सकते हैं
पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड Public Provident Fund – यह खाता बैंक या पोस्ट ऑफिस में खोला जा सकता है फ़िलहाल इस पर 7.1% वार्षिक ब्याज मिल रहा है और यह EEE श्रेणी का निवेश है मतलब आपको निवेश के उपरांत मिलने वाली वाली राशि पूर्ण रूप से टैक्स फ्री होगी। यह खाता 500 रूपये की राशि से खोला जा सकता है और इस खाते में एक साल में अधिकतम 150000 रूपये का निवेश किया जा सकता है। और अधिक जानने के लिए क्लिक करें
सुकन्या समृद्धि योजना Sukanya Smridhi Yojna – यह खाता बैंक या पोस्ट ऑफिस में खोला जा सकता है और यह किसी बच्ची के जन्म लेने के बाद 10 साल की उम्र से पहले ही खोला जा सकता है। फ़िलहाल इस पर 7.6 % वार्षिक ब्याज मिल रहा है और यह EEE श्रेणी का निवेश है मतलब आपको निवेश के उपरांत मिलने वाली वाली राशि पूर्ण रूप से टैक्स फ्री होगी। यह खाता 250 रूपये की राशि से खोला जा सकता है और इस खाते में एक साल में अधिकतम 150000 रूपये का निवेश किया जा सकता है। और अधिक जानने के लिए क्लिक करें
सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम Senior Citizen Saving Scheme -इस योजना में फ़िलहाल सालाना 7.4% ब्याज मिल रहा है। और यह 60 साल या उससे अधिक आयु के बाद अकाउंट खोला जा सकता है। वहीं VRS लेने वाला व्यक्ति जो 55 से अधिक लेकिन 60 साल से कम है वो भी इस अकाउंट को खोल सकता है। इस स्कीम के तहत 5 साल के लिए पैसा निवेश किया जा सकता है। मैच्योरिटी के बाद इस स्कीम को 3 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। इस योजना के तहत आप अधिकतम 15 लाख रुपए तक का निवेश कर सकते हैं अधिक जानने के लिए क्लिक करें
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स National Saving Certificate इस पर किये गए निवेश पर 6.8% सालाना ब्याज मिल रहा है। NSC अकाउंट खुलवाने के लिए आपको न्यूनतम 1000 रुपए निवेश किसी नजदीकी पोस्ट ऑफिस में जाकर करना होगा। आप NSC में कितनी भी रकम निवेश कर सकते हैं। इसमें निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं है और अधिक जानने के लिए क्लिक करें
नेशनल पेंशन स्कीम National Pension Scheme सरकार की तरफ से चलाई गई रिटायरमेंट सेविंग प्लान है। धारा 80सी के तहत इसमें सालाना 1.5 लाख और धारा 80सीसीडी (1बी) के तहत अतिरिक्त 50 हजार रुपए का निवेश किया जा सकता है। नेशनल पेंशन स्कीम खाता आप किसी भी सरकारी और प्राइवेट बैंक या पोस्ट ऑफिस में खुलवा सकते हैं। इस स्कीम में केंद्र सरकार, राज्य सरकार, निजी क्षेत्र के कर्मचारी और आम नागरिक भी निवेश कर सकते हैं। और अधिक जानने के लिए क्लिक करें
टैक्स सेविंग्स फिक्स्ड डिपॉजिट Tax saving Fixed Deposit इस स्कीम में निवेश करने के लिए आपको आपको किसी नजदीकी बैंक की ब्रांच में जाना होगा। इसे टैक्स सेविंग्स फिक्स्ड डिपॉजिट यह 5 साल का फिक्स्ड डिपाजिट होता है । इसके जरिए टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है। इस स्कीम से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें
इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम Equity Linked Saving Scheme इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम यानी ELSS इक्विटी म्यूचुअल फंड की स्कीम है। सालाना 1 लाख तक रिटर्न टैक्स-फ्री है और लॉक-इन पीरियड भी सबसे कम 3 साल है। अन्य स्कीम्स की तुलना में इसका लॉक-इन पीरियड काफी कम है पर इस पर रिटर्न की कोई गारंटी नहीं है क्यों इसमें निवेश किया गया रूपये शेयर मार्केट में लगाए जाते हैं और उसका प्रबंधन एक फण्ड मैनेजर द्वारा किया जाता है। इस स्कीम से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें
Tuition fee tax Exemption – अगर आपका कोई लड़का या लड़की पढ़ाई करते हैं और आप उनकी फीस का भुगतान करते हैं तो फी भुगतान की गयी राशि पर इनकम टैक्स पर छूट ले सकते हैऔर यह प्रति ब्यक्ति 2 बच्चों पर मिलती है। इस अधिकतम 150000 रूपये तक की छूट मिलती है जो की इनकम टैक्स के 1961 एक्ट के अंतरगत मिलती है।
इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स Insurance Products
अगर आप इंश्योरेंस पालिसी ( लाइफ इन्सुरेंस , टर्म इंश्योरेंस , ULIP (यूनिट लिंक्ड insurance policy, एक्सीडेंट पालिसी ) खरीद रखी है तो जो प्रीमियम आप पालिसी का जमा करते है तो उस पर इनकम टैक्स में छूट मिलती है यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप), लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी और मार्केट लिंक इंवेस्टमेंट प्रोडक्ट का कॉम्बिनेशन है। इसके तहत प्रीमियम का एक हिस्सा इक्विटी या डेट फंड में निवेश किया जाता है। इससे आपके परिवार को आपके रहने और न रहने पर भी वित्तीय सुरक्षा मिलती है। यूलिप और पारंपरिक बीमा योजनाओं के प्रीमियम पर टैक्स छूट मिलती है। लेकिन ध्यान रखें कि यूलिप प्रीमियम की राशि 2.5 लाख से ऊपर जाने पर टैक्स छूट नहीं मिलती है. आपको हमेशा ULIP पालिसी खरीदने से बचना चाहिए और अगर अपने कोई नया इंश्योरेंस लेना चाहते है तो टर्म इंश्योरेंस ले क्यों की इसमें प्रीमियम कम होता है और लाइफ कवर बहुत मिलता है।
Tax Benefits on EPF Contribution
वेतनभोगी कर्मचारियों को अपने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खाते में अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 12 प्रतिशत योगदान करना आवश्यक है। नियोक्ता को कर्मचारी के ईपीएफ खाते में एक समान योगदान देना भी आवश्यक है। किसी कर्मचारी के भविष्य निधि खाते में जमा कोई भी ब्याज हर साल केवल 2.50 लाख तक के योगदान के लिए कर मुक्त होगा और वह अपने कंट्रीब्यूशन पर 80C पर टैक्स बेनिफ्ट्स ले सकता है।
ऊपर बताये गए सभी तरीके से इनकम टैक्स 1969 की धारा 80 C के अंतरगत अधिकतम 150000 रूपये की छूट ले सकते हैं
हेल्थ इन्सुरेंस –हेल्थ इन्सुरेंस अगर आपने अभी तक कोई मेडिकल इन्सुरेंस नहीं लिया है तो जल्दी से हेल्थ इन्सुरेंस लेकर आप अपना इनकम टैक्स बचा सकते हैं क्यों की जब आपकी परिवार में कोई हेल्थ से सम्बन्धित समस्या आएगी तो यह हेल्थ इन्सुरेंस आपके बचाये हुए पैसे सुरक्षित रखेगा। क्यों मेडिकल खर्चो को यह इन्सुरेंस खुद भुगतान करेगा
80 D के तहत कटौती
1-स्वयं और परिवार (60 वर्ष से कम आयु के सभी सदस्य) ₹25,000
2-स्वयं और परिवार + माता-पिता के लिए (60 वर्ष से कम आयु के सभी सदस्य) ₹25,000 + ₹25,000) = ₹50,000
3-स्वयं और परिवार के लिए (60 वर्ष से कम के सभी सदस्य) + वरिष्ठ नागरिक माता-पिता ₹25,000 + ₹50,000 = ₹75,000
4- स्वयं और परिवार के लिए (60 वर्ष से ऊपर के सबसे बड़े सदस्य के साथ) + वरिष्ठ नागरिक माता-पिता ₹50,000 + ₹50,000) = ₹1,00,000
हेल्थ चेकअप करा कर टैक्स बचाइए–
अब आप अपना इनकम टैक्स , अपनी हेल्थ का जनरल चेकउप करा कर इनकम टैक्स बचा सकते हैं और भविष्य में होने वाली बीमारियों से बच सकते है आयकर अधिनियम की धारा 80D के तहत, जो व्यक्ति हेल्थ चेकअप कराते हैं, वे प्रति वित्तीय वर्ष में INR 5,000 तक की कर कटौती का आनंद ले सकते हैं। आप अपने जीवनसाथी, बच्चों और माता-पिता के लिए हेल्थ चेकअप पर खर्च की गई राशि पर भी कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
इसलिए, यदि आप या आपके प्रियजन 10000 रुपये की हेल्थ चेकअप से गुजरते हैं, तो आप आईटी रिटर्न दाखिल करते समय 5000 रुपये की कर कटौती के लिए पात्र होंगे। इस कटौती का दावा किया जा सकता है, भले ही आपने नकद के माध्यम से बिलों का भुगतान किया हो, हेल्थ इन्सुरेंस पॉलिसियों के विपरीत, जिसमें पॉलिसीधारकों को कर लाभ प्राप्त करने के लिए संगठित बैंकिंग चैनलों के माध्यम से प्रीमियम का भुगतान करने की आवश्यकता होती है। ध्यान रखने वाली एक और बात यह है कि आप अपने हेल्थ इन्सुरेंस प्रीमियम और हेल्थ चेकअप बिलों पर संयुक्त रूप से INR 25000/50000 तक की अधिकतम कर कटौती का आनंद ले सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप 40 वर्ष के हैं, तो आप 25000 रुपये की अधिकतम कर कटौती का दावा कर सकते हैं। मान लें कि आपने अपनी हेल्थ इन्सुरेंस पॉलिसी के लिए 22,000 रुपये के प्रीमियम का भुगतान किया और उसी वित्तीय वर्ष के दौरान हेल्थ चेकअप जांच पर 6000 रुपये खर्च किए। चूंकि आप केवल INR 25000 की अधिकतम कटौती का दावा कर सकते हैं, इसलिए हेल्थ चेकअप के लिए कर कटौती INR 3000 (25000-22000 = 3000) होगी।
Tax deductions on education loan
आयकर अधिनियम की धारा 80E के तहत, आप केवल एक वित्तीय वर्ष के दौरान अपने शिक्षा ऋण पर भुगतान किए गए ब्याज पर कर कटौती का दावा कर सकते हैं। मूल राशि के पुनर्भुगतान पर आपको कर लाभ नहीं मिलेगा।
उदाहरण के लिए, यदि आपके शिक्षा ऋण की कुल ईएमआई रु. 12,000, और रु। 8,000 प्रमुख घटक है और रु। 4,000 ब्याज घटक है, आप केवल रु. का दावा कर सकते हैं। 4,000 प्रति माह। तो, ऋण पर भुगतान की गई कुल ईएमआई के लिए, आप रुपये का दावा कर सकते हैं। कर कटौती के रूप में वित्तीय वर्ष के लिए 48,000।
शिक्षा ऋण के लिए भुगतान किए गए ब्याज पर कर कटौती का दावा करने की कोई अधिकतम सीमा नहीं है। लेकिन आप अधिकतम 8 वर्षों के लिए केवल एजुकेशन लोन टैक्स सेविंग्स या टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें