बच्चों में बचत की आदत डालने के लिए अपनाएं ये 9 तरीकेबच्चों में बचत की आदत डालने के लिए अपनाएं ये 9 तरीके

कभी मिट्टी की गुल्लक भारतीय घरों की अहम जरूरत हुआ करती थी।  हम लोगो के बचपन में यह दादी दादा द्वारा मेले से लायी जाती थी जिसमें ऊपर एक छेद होता था जिससे हम इसके अंदर सिक्के या रूपये के नोट अंदर डालते थे।लेकिन बचत के बढ़ते विकल्पों और आसान होती बैंकिंग प्रक्रिया ने यह जरूरत खत्म कर दी है और अब यह दिन पर दिन मिट्टी की गुल्लक गायब होती जा रही है या मिटटी की गुल्ल्क को पिगी बैंक ने replace कर दिया है।
पर गुल्लक की अहमियत इसी बात से समझी जा सकती है कि अगर यह सामने हो तो बचत खुद ब खुद हो जाती है।  रोज पैसा जमा करने की आदत सिखाने वाला गुल्लक चूंकि सहज उपलब्ध होता है।  इसलिए इसे भरने के लिए हरकिसी का मन करने लगता है। यह वैसे तो बड़े और बच्चो सबके लिए उपयोगी है पर आज हम बच्चो को गुल्लक मे पैसे डालने की बात कर रहे है

क्या आपके बच्चे बचत का मतलब जानते हैं? अगर नहीं तो आपको अभी से उन्हें बचत के बारे में कैसे बताना चाहिए. जिससे वे रूपये का महत्व जान सकेंगे.

1. रुपयों का मोल समझाएं

महंगाई के इस दौर में जरूरी है कि बच्चे रुपयों का मोल जानें. आप उन्हें यह समझायें कि आप रूपये कमाने के लिए कितनी मेहनत करते हैं. उन्हें यह समझाने की कोशिश करें कि फिजूलखर्ची की आदत उन्हें कर्ज के जाल में फंसा सकती और उनका जीवन कष्टमय हो सकता है अतः बचत की आदत बचपन से ही बच्चों में डालनी चाहिए।

2. बच्चों की हर मांग पहली बार में पूरी नहीं करें

अगर आप ऐसे पैरेंट्स हैं, जो अपने बच्चों की हर छोटी-बड़ी मांग को तुरंत पूरा करते हैं, तो आपको अपनी आदत बदलने की जरूरत है. क्यों की बाद में आपकी यह लापरवाही आपके बच्चे के लिए मुसीबत बन सकती है.

बच्चों को आप जरूरत और लग्जरी में फर्क करना सिखाएं कि उन्हें क्या खरीदना या खाना जरूरी है और किस खरीदारी को टाला जा सकता है, बच्चों को यह समझाना लंबी अवधि की प्रक्रिया है इससे बच्चे बचत के प्रति ज्यादा सजग होंगे।

3. बच्चों को गुल्लक दें

बच्चों को आपके घर आने वाले अन्य मेहमानों से या दादी, नानी से रूपये मिलते हैं और आप भी उन्हें जेब खर्च के लिए रूपये देते होंगे. उन्हें बचत करने में इन रुपयों का इस्तेमाल करना सिखाएं. आप बच्चे की पसंद वाले कार्टून कैरेक्टर वाला गुल्लक खरीद कर दें। इससे गुल्लक में पैसे डालने से बचत की आदत विकसित की जा सकती है।

4. बचत खाता खुलवाएं

आप अपने बच्चों को बचत की आदत के फायदे बताएं।जब कभी आप बैंक जाएँ तब अपने बच्चों को भी बैंक ले जाएँ। आप उन्हें यह बता सकते हैं कि किस तरह उनके हर महीने बचाए गए पैसों का निवेश किया जा सकता है और आजकल बैंकों में बच्चों के नाम से बैंक खाते खोलने की सुविधा देते हैं। इन खाते में उन्हें पैसे जमा करना सिखाएं. की बैंक में कैसे रूपये जमा किये जाते हैं। उनके द्वारा आज की छोटी-छोटी बचत कल की बड़ी जरूरत पूरा करने में सहायता कर सकती है।

5. बच्चों को बर्बादी के नुकसान समझाएं

बहुत से बच्चे पेंसिल, पेपर, रबर या अन्य चीजें को ऐसे ही मजाक मस्ती में फेंक देते हैं। वे एक-एक लाइन लिखकर कॉपी का बाकि पेज खाली छोड़ देते हैं. आप उन्हें यह समझाने की कोशिश करें कि कागज पेड़ों को काटने से बनता है और अगर बच्चा कागज बर्बाद कर रहा है तो नए पेपर बनाने के लिए और पेड़ काटने पड़ेंगे और पेड़ों से जीने के लिए ऑक्सीजन मिलता है।

6. फिजूलखर्जी के नुकसान बताएं

आज कल बच्चे बिस्किट, चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक, पिज्जा-बर्गर आदि को बहुत पसन्द करते हैं और इस की जिद करते बच्चों इस वजह से कई बार आपके घर का बजट भी बिगड़ जाता है. बच्चों को यह बताएं कि आप कितनी मेहनत से पैसे कमाते हैं.और यह सब सेहत के लिए लाभदायक नहीं है।

उन्हें यह समझने में मदद करें कि रूपये नहीं होने की स्थिति में आपके कौन से जरूरी काम रूक जाएंगे. इनमें बच्चों के स्कूल की फीस, बिजली-पानी-ग्रॉसरी आदि का बिल आदि शामिल हैं.

7. घर के बजट बनाने में शामिल करें

अगर आप अपने जीवनसाथी या माता-पिता के साथ मासिक बजट बनाते हैं तो इस प्रक्रिया में बच्चों को भी शामिल करें. इससे बच्चे भी धीरे धीरे बजट बनाना सीखेंगे और आपकी चिंता, रूपये की दिक्कत या देनदारी की सही स्थिति समझने के बाद कुछ महीनों में संभव है कि बच्चा फिजूलखर्ची की आदत छोड़ दे.

8. बचत के रूपये से दिलाएं गिफ्ट

बच्चों के बचत के रुपयों से उनकी जरूरत की चीजें खरीदें. मान लीजिये कि बहुत दिनों से आपके घर में कोई ड्राइंग बुक के लिए बच्चा जिद कर रहा है या पढ़ाई के लिए अलग टेबल-चेयर, स्टोरी बुक्स, वीडियो गेम्स आदि की उसकी मांग कर रहा है. बचत के रूपये से बच्चे को यही चीजें दिलाएं. ऐसा करने से बच्चों में बचत करने के लिए उत्साह बढ़ जाएगा.

9. दोबारा इस्तेमाल की आदत डालें

बच्चों को उनकी पुरानी चीजों का दोबारा उपयोग करना सिखाएं जैसे पेंसिल या रबड़ को पूरा खत्म करने के बाद ही नई पेंसिल का उपयोग करने को कहें. उन्हें यह समझाने की कोशिश करें कि कैसे रद्दी चीजों से नई और आर्कषक चीजें बन सकती है जैसे कोल्ड ड्रिंक्स की खाली बोतल से पेन स्टैंड बनाना, टूटे खिलौने से क्राफ्ट बनाने जैसे काम बच्चे मजे से कर सकते हैं.. इससे बच्चा क्रिएटिव भी बनेगा. इसके साथ ही उसमें बचपन से ही चीजों को अहमियत देने का गुण विकसित होगा.

By ANKIT SACHAN

अंकित सचान इन्वेस्टमेंट अड्डा के लेखक , पेशे से इंजीनियर और AMFI Registered म्यूच्यूअल फण्ड डिस्ट्रीब्यूटर हैं।

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