नमस्कार दोस्तों आज मैं अपनी इस पोस्ट में बेस्ट Mutual फण्ड चुनने की विधि बताऊंगा !
आज कल मार्किट में ढेरों mutual fund हाउस है फिर उनकी बहुत से स्कीम है ऐसे मैं सही म्यूच्यूअल फण्ड चुनना बहुत ही मुश्किल भरा काम है किसी लें और किस स्कीम छोड़े। सही mutal Fund चुनने से पहले पहले अपना गोल सेट करें की आपको कितने दिनो के लिए निवेश करना है और आप किस स्कीम में निवेश करना चाहते है और आप कितना रिस्क ले सकते है क्यों की हर एक आदमी की रिस्क लेने की क्षमता अलग अलग होती है अत: आप अपने रिसक के अनुसार अपना म्यूच्यूअल फण्ड चुने। जैसे जो लोग Equity में निवेश करने की सोच रहे है तो उनको इक्विटी मैं निवेश करने का एक नियम होता है –
जो की निम्नलिखित है
इक्विटी Portion इन portfolio = १००- आपकी उम्र
गोल्ड और सिल्वर म्यूच्यूअल फण्ड में १० % तक डायवर्सिफिकेशन किया जा सकता है
डेब्ट मैं जो भी बचे उसका पोरशन डेब्ट में निवेश कर सकते है
अक्सर ऐसा देखा जाता है जब भी इक्विटी मार्किट गिरता है तब गोल्ड और सिल्वर अच्छा return देते है और डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड जब इंट्रेस्ट रेट जब गिरते हैं तब अच्छा return देते है.
इस तरह से आप इक्विटी डेब्ट गोल्ड/सिल्वर से सम्बन्धित स्कीम मैं आपना पोर्टफोलियो सेट कर सकते है
अब आते है की आपको अपना म्यूच्यूअल फण्ड चुनते समय क्या क्या देखना है जो की निम्नलिखित है
- रेगुअल प्लान में निवेश करना
- एक ही तरह की कई स्कीम मैं निवेश करन
- अपना पूरा इन्वेस्टमेंट किसी एक ही AMC ( अस्सेस्ट मैनेजमेंट कम्पनी ) में रखना
- पोर्टफोलियो में विविधता का आभाव
- फिजिकल फॉर्म में म्यूच्यूअल फण्ड ख़रीदना
- म्यूच्यूअल फण्ड मैं नॉमिनी न अपडेट होना
- बैंक के एप्प से जाकर म्यूच्यूअल फण्ड लेना
- म्यूच्यूअल फण्ड का AUM ( एसेट अंडर मैनेजमेंट )
- बैलेंस Advantage म्यूच्यूअल फण्ड
- एक साथ पूरी धन राशि निवेश करना
१-रेगुअल प्लान में निवेश करना
हमेशा डायरेक्ट प्लान का चुनाव करें ज्यादा तर लोगों को डायरेक्ट म्यूच्यूअल फण्ड और रेगूलर रेगुलर म्यूच्यूअल फण्ड प्लान मे अंतर नहीं पता होता है और जिंदगी भर रेगुलर प्लान मैं ही निवेश करते रहते है। रेगुअल प्लान में एक्सपेंस रेश्यो ज्यादा होता है जो हर स्कीम में अलग अलग होता है ये १ % से २% तक होता है। जब की डायरेक्ट प्लान मैं एक्सपेंस रेश्यो ०.०५% से लेकर १% तक होता है
२-एक ही तरह की कई स्कीम मैं निवेश करना
एक ही तरह की कई स्कीम मैं निवेश करना जैसे कोई लार्ज कैप म्यूच्यूअल फण्ड मैं निवेश करता है तो हो सकता है वह एक्सिस लार्ज कैप कंपनियों मैं निवेश कर रहा हो और ICICI म्यूच्यूअल की लार्ज कैप में भी इन्वेस्ट कर रहा हो।
३-अपना पूरा इन्वेस्टमेंट किसी एक ही AMC ( अस्सेस्ट मैनेजमेंट कम्पनी ) में रखना
अपना पूरा इन्वेस्टमेंट किसी एक ही AMC ( अस्सेस्ट मैनेजमेंट कम्पनी ) में रखना। कभी भी अपना सारा इन्वेस्टमेंट एक ही AMC में नहीं रखना चाहिए क्यों की अगर AMC डिफ़ॉल्ट की तो आप का सारा पैसा डूब जायेगा वैसे ऐसा होना मुश्किल है पर िस्व खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
४- पोर्टफोलियो में विविधता का आभाव – अगर आप म्यूच्यूअल फण्ड का एक फोर्टफोलिओ बनाते है तो आप सरे सेक्टर मैं निवेश करें जैसे लार्ज कैप , मिड कैप , स्मॉलकैप ,
यहां पर लार्ज कैप का मतलब निफ़्टी की टॉप १०० कंपनियों से है और मिड कैप का मतलब निफ़्टी की टॉप १०० कंपनियों के बाद जो १५० कंपनियाँ वह मिड कैप कम्पनियां कहलाती है अब बरी आती यही की स्माल कैप कम्पनियां क्या होती है ये वह कम्पनियाँ होती है जो निफ़्टी की टॉप २५० कंपनियां के बाद की २५० कम्पनिया होती है।
हर एक सेक्टर का बेहतर परफॉर्म करने का समय अलग अलग होता हैं कभी स्मॉल कैप सेक्टर का बोलबाला होता है और कभीं लार्ज कैप या मिड कैप का।
५-फिजिकल फॉर्म में म्यूच्यूअल फण्ड ख़रीदना
हमेशा म्यूच्यूअल फण्ड डीमैट अकाउंट से ही खरीदें इससे बेनिफिट ये होता है आपको बार बार KYC के झंझट से मुक्ति मिल जाती है और पूरा पोर्टफोलियो एक ही जगह आप डेस्कः सकते है और एक सारे म्यूच्यूअल फण्ड की परफॉर्मेंस एक जगह ही देख सकते है
नया डीमैट अकाउंट ओपन करने के लिए नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करके ओपन कर सकते है
https://zerodha.com/open-account?c=DD924
https://app.groww.in/v3cO/3f1df083
६–म्यूच्यूअल फण्ड मैं नॉमिनी न अपडेट होना
म्यूच्यूअल फण्ड मैं नॉमिनी न अपडेट होना -अक्सर ऐसा देखा जाता है की लो म्यूच्यूअल फण्ड तो ले लेते है पर उस पर अपनी नॉमिनी अपडेट नहीं करते है सोचते है फिर कर देंगे। अगर आप मेरा ये ब्लॉग पद रहे है तो एक बार आप अपना पोर्ट फोलियो देखिये की आपने आपने नॉमिनी अपडेट करवाया है या नहीं।
७- बैंक के एप्प से जाकर म्यूच्यूअल फण्ड लेना
बैंक के एप्प से जाकर म्यूच्यूअल फण्ड लेने की गलती हो सकता है कुछ लोगों ने की होगी अगर आपने नहीं की तो आप भाग्यशाली है। आज बहुत से बैंक म्युचुअल फण्ड अपने मोबाइल एप्प न नेट बैंकिंग से बेचते है जो की सारे रेगुअल प्लान होते है जैसा की मैंने पोइन्ट नंबर १ में बताया है उसमें एक्सपेंस रेश्यो जयादा होता है और वह लॉन्ग टर्म में हमारे निवेश को प्रभावित करता है
८- म्यूच्यूअल फण्ड का AUM ( एसेट अंडर मैनेजमेंट )
जब भी आप म्यूच्यूअल फण्ड का चुनाव क्र रहे हो तो फण्ड के AUM ( एसेट अंडर मैनेजमेंट ) की साइज को अवश्य देखे आप कम से कम ५०० करोड़ वाली AMC का चुनाव करें
९-बैलेंस Advantage म्यूच्यूअल फण्ड
अक्सर लोग बैलेंस Advantage म्यूच्यूअल फण्ड का चुनाव करते है कि अच्छा डायवर्सिफिकेशन किया है इक्विटी भी गोल्ड/सिल्वर और डेब्ट भी पर ऐसे म्यूच्यूअल फण्ड का एक्सपेंस रेश्यो १% से ज्यादा होता है अत: आप बैलेंस Advantage म्यूच्यूअल फण्ड से बचे।
१० एक साथ पूरी धन राशि निवेश करना
एक साथ पूरी धनराशि इन्वेस्ट करना जब भी आप इन्वेस्ट करने की सोच रहे हों तब आप ५०% लम्प सम इन्वेस्ट करें और जो बचे हुए ५० % धनराशि है उसे ५ बराबर भागों मैं इन्वेस्ट करें इससे आपको बेहतर return मिलेगा