कोरोना एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है इसकी लहर प्रतिवर्ष आती है कोरोना संक्रमित होने पर पहले की तरह इस बार भी लाखों रुपए का खर्च हो सकता है जिससे आपका आर्थिक बजट डगमगा सकता है। इसलिए जरूरी है कि आपके पास कोई इंश्योरेंस कवरेज हो, जिसमें कोरोना के इलाज से जुड़े खर्च कवर हो सकें। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने विशेष कोरोना शॉर्ट टर्म हेल्थ पॉलिसी जैसे ‘Corona Kavach’ और ‘Corona Rakshak’ शुरू की थी। जिसकी टर्म `105 दिन , 195 दिन, 195 दिन होती थी। अब इस स्कीम को अगले 6 महीने के लिए बढ़ा दिया है। जिन लोगों ने पहले यह पॉलिसी ली थी वह 31 मार्च 2022 को खत्म हो रही थी। अब इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI ने इसकी वैलिडिटी को बढ़ाकर 30 सितंबर 2022 कर दिया है। इस दौरान लोग नई पॉलिसी भी खरीद सकते हैं।
कोरोना पॉलिसी और General Health इंश्योरेंस पॉलिसी में क्या अंतर है?
कोरोना शॉर्ट टर्म हेल्थ पॉलिसी में सिर्फ कोरोना होने पर ही इलाज का खर्च कवर होता है।मतलब की इस पालिसी का उपयोग आप किसी बीमारी में नहीं कर सकते हैं। इस बीमारी से ग्रसित होने पर केवल RT-PCR रिपोर्ट ही मान्य होती है रैपिड या एंटीजन टेस्ट से कोरोना का पता लगने पर पालिसी क्लेम नहीं पास करती है। जनरल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कोरोना के साथ अन्य बीमारी होने पर भी आपको कवर मिलता है। इसलिए जनरल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम कोरोना शॉर्ट टर्म हेल्थ पॉलिसी की तुलना में ज्यादा है। अगर आप सिर्फ कोरोना के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेना चाहते हैं तो ये एक बढ़िया ऑप्शन है।
कोरोना के लिए कितनी तरह की पॉलिसी मौजूद है?
कोरोना को लेकर मार्केट में दो तरह के हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी हैं। कोरोना कवच और कोरोना रक्षक। इन दोनों ही पॉलिसी को कम प्रीमियम में कोरोना से सम्बंधित बीमारियों का कवर मिलता है।
कोरोना रक्षक
इस पालिसी का बेनिफ्ट केवल तब मिलेगा जब पॉलिसी होल्डर कोरोना पॉजिटिव है तो उसे एकमुश्त रकम दी जाती है इस पालिसी से मिलने वाली राशि सम इन्सोर्ड के बराबर मिलती है भले ही आपका कितना भी रूपये इलाज में लगे हों।
अगर आप इस पॉलिसी का फायदा लेना चाहते हैं तो आपको कम से कम 72 घंटे तक अस्पताल में भर्ती होना पड़ेगा। इस बीमारी से ग्रसित होने पर केवल RT-PCR रिपोर्ट ही मान्य होती है रैपिड या एंटीजन टेस्ट से कोरोना का पता लगने पर पालिसी क्लेम नहीं पास करती है।
कोरोना कवच
कोरोना कवच इंडिविजुअल और फ्लोटर दोनों पॉलिसी है। फ्लोटर का मतलब परिवार के सदस्यों को भी बीमा राशि का फायदा मिल सकता है। जबकि कोरोना रक्षक एक इंडिविजुअल पॉलिसी है। इसें परिवार के हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग लेना होगा, जैसे अगर आपने फैमिली फ्लोटर पालिसी ली है और टोटल सम इन्सोर्ड 100000 रूपये ले रखा है और आपकी फैमिली में पति पत्नी , माता पिता हैं तो 100000 रूपये की राशि किसी एक ब्यक्ति द्वारा भी उपयोग की जा सकती है परन्तु अगर आप डिविजुअल पॉलिसी लेते है तो आपको हर एक ब्यक्ति के लिए अलग -2 कवर लेना होगा।
इस पालिसी में निम्न लिखित खर्चे कवर होते है
1-ICU चार्ज और डॉक्टर कन्सल्टेशन फीस
2-एम्बुलेंस फीस। कुछ पालिसी एयर एम्बुलेंस फीस भी कवर करती है
3-बेड चार्ज नॉर्सिंग चार्ज , ब्लड टेस्ट इत्यादि परन्तु इसमें PPE किट का खर्च नहीं कवर होता है।
4-अस्पताल में भर्ती होने से पहले 15 दिन व अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद 30 दिन के दवाइयों के खर्च।
यह दोनों ही पॉलिसी 18 से लेकर 65 साल की उम्र तक के लोग ले सकते हैं। माता-पिता अपने 1 दिन से 25 साल तक के बच्चों के लिए भी ये पॉलिसी ले सकते हैं।
इन दोनों पालिसी लेने के बाद अगर आप 15 दिन के अंदर कोई क्लेम करते है तो वह क्लेम कम्पनी द्वारा रिजेक्ट कर दिया जायेगा क्यों की दोनों ही पालिसी मैं वेटिंग पीरियड 15 दिन का है।
कोरोना रक्षक
कोरोना रक्षक प्रीमियम भी अनुमानित है। अलग-अलग कंपनियों में इसके प्रीमियम में भी अंतर हो सकता है। नीचे लिखे सम अश्योर्ड का मतलब है कि आप कितने रूपए की पॉलिसी ले रहे हैं।
कोरोना कवच
कोरोना कवच भी अनुमानित है। अलग-अलग कंपनियों में इसके प्रीमियम में भी अंतर हो सकता है। नीचे लिखे सम अश्योर्ड का मतलब है कि आप कितने रूपए की पॉलिसी ले रहे हैं।