आप सभी का इन्वेस्टर्स अड्डा पर स्वागत है दोस्तों आज मैं आपको कम्पनी फिक्स डिपॉजिट्स के बारे में जानकारी शेयर करूंगा ,
कम्पनी फिक्स डिपॉजिट्स-
कम्पनी फिक्स डिपॉजिट्स आज के समय का बहुत ही प्रचलित निवेश का विकल्प है , यह निवेशक को बैंक से १% से ३% ज्यादा ब्याज का भुगतान समान समय के लिए रूपये निवेश करने पर प्रदान करता है और यह बैंक के फिक्स डिपॉजिट्स सा ही है बस फर्क रिस्क का है ये बैंक की तुलना पर ज्यादा रिस्की है , यह कम्पनी फिक्स बहुत सी कम्पनी द्वारा बाज़ार से पूंजी जुटाने के लिए लाये जाते है क्यूंकि कम्पनी को बैंक से लोन लेंना महंगा पड़ता है , कई बार कम्पनी को पूंजी की तो कम्पनी फिक्स ऐसे डिपॉजिट्स बाज़ार पर लाती है ये फिक्स डिपॉजिट्स कम्पनी एक्ट के अंतर्गत सेक्शन 58 A के अंतर्गत लाये जाते है
अगर आप कम्पनी डिपॉजिट्स पर निवेश करने की सोच रहे है तो मुख्या बातों की जानकारी होना आवश्यक है ,
रिस्क –
जैसा की मैं पहले ही बता चुका हूँ की ये फिक्स डिपॉजिट्स बैंक की तुलना में रिस्की है क्यूंकि अगर हम बैंक में पैसे फिक्स करते है और बैंक दीवालिया हो जाता है , तो RBI की सहायक कम्पनी DICGC (Deposit insurance and Credit Guarantee Corporation ) के द्वारा १ लाख का बीमा किया जाता है परन्तु कम्पनी फिक्स डिपॉजिट्स पर ये बीमा की सुविधा नही है मतलब ये की अगर कम्पनी दीवालिया हो जाती है तो आपको निवेश किया हुआ कोई पैसा नही मिलेगा , परन्तु अगर आप सही ढंग से देख सुनकर कम्पनी फिक्स डिपॉजिट्स करेंगे तो ऐसी किसी परेशानी का सामना नही करना पड़ेगा ,
Pre-Closer of FD
ज्यादा तर कम्पनी फिक्स डिपॉजिट्स Pre-Closer की सुविधा ६ माह के पहले प्रदान नही करते है परन्तु उसके बाद ये सुविधा प्रदान करते है परन्तु उस पर penalty लगते है अर्थात कम ब्याज का भुगतान करते है
निवेश की नुनतम सीमा
जायदा तर कम्पनी फिक्स डिपॉजिट्स की नुनतम सीमा ५००० रूपये है और कुछ में ये सीमा १०००० रूपये है अधिकतम निवेश करने की कोई सीमा नही है
समय सीमा
ये कम्पनी फिक्स डिपॉजिट्स १२ माह से ६० माह तक के समय सीमा के लिए किये जाते है और इनपर मिलनेवाला ब्याज पर कर योग्य होता है
वरिष्ठ नागरिक –
कम्पनी फिक्स डिपॉजिट्स वरिष्ठ नागरिकों को .५% से १%तक जायदा ब्याज का भुगतान करते है
TDS-
कम्पनी फिक्स डिपॉजिट्स पर ५००० रूपये से अधिक मिलने वाले ब्याज पर कम्पनी द्वारा १० % का TDS काटा जाता है , अगर आप इनकम टैक्स की सीमा से बहार है तो रिफंड क्लेम करने पर यह आयकर विभाग द्वारा वापस कर दिया जाता है
नामंकन की सुविधा
कम्पनी फिक्स डिपॉजिट्स पर नामंकन की सुविधा हर कम्पनी द्वारा प्रदान की जाती है
रेगुलेटरी बॉडी
कम्पनी फिक्स डिपॉजिट्स की रेगुलेटरी बॉडी कम्पनी एक्ट के अंतर्गत सेक्शन 58 A है जोकि १९५६ को भारत सरकार द्वारा बनाया गया था
निवेश सम्बन्धी सलाह
अगर आप कम्पनी फिक्स डिपॉजिट्स पर निवेश करना चाहते है तो पहले कम्पनी के बारे मैं अच्छी जाँच पड़ताल कर लें तथा उसके डॉक्यूमेंट को अच्छी तरह से पडें , और भारत की रेटिंग एजेंसी द्वारा जारी की गयी रेटिंग का अवलोकन करें , अगर रेटिंग AAA या AA है तो यह secure निवेश का विकल्प है पर जोखिम को नकारा नही जा सकता है
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