Salary Account पर मिलते हैं जबरदस्त फायदे! अकाउंट होल्डर्स को बैंक नहीं बताते ये बात, कम लोग ही जानते हैंSalary Account पर मिलते हैं जबरदस्त फायदे! अकाउंट होल्डर्स को बैंक नहीं बताते ये बात, कम लोग ही जानते हैं

ज्यादातर कामकाजी लोगों के पास सैलरी अकाउंट होता है. इन लोगों का वेतन सीधे उनके सैलरी अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता है. सैलरी अकाउंट में जीरो बैलेंस होता है. इसके अलावा सैलरी अकाउंट के और भी कई फायदे हैं जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं। वेतन खाता विशेष क्रेडिट ऑफर से लेकर मुफ्त एटीएम लेनदेन, असीमित ऑनलाइन लेनदेन आदि विभिन्न सुविधाएँ प्रदान करता है। इसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. आज हम आपको इस बारे में जानकारी देंगे.

Salary Account पर मिलते हैं जबरदस्त फायदे

मिनिमम बैलेंस

कुछ सरकारी और प्राइवेट बैंक अपने ग्राहकों को सैलरी अकाउंट के साथ, आमतौर पर न्यूनतम शेष राशि बनाए रखने की कोई आवश्यकता नहीं होती है, जबकि बचत खाते सैलरी अकाउंट के साथ, बैंकों को ग्राहक को अपने बचत खाते में एक निश्चित राशि का न्यूनतम शेष बनाए रखने की आवश्यकता होती है।

इंश्योरेंस

कुछ सरकारी और प्राइवेट बैंक अपने ग्राहकों सैलरी अकाउंट के साथ एक्सिडेंटल डेथ कवर या हेल्थ इंश्योरेंस का कवर भी मिलता है. ये इन्श्योरेंस कवरेज एक एडिशनल सिक्योरिटी देता है

लोन

कुछ सरकारी और प्राइवेट बैंक अपने ग्राहकों को सैलरी अकाउंट वाले ग्राहकों को पर्सनल लोन और होम लोन पर बेहतर ब्याज दर मिलती है. बैंक आपको कम ब्याज पर लोन ऑफर कर सकता है.

ओवरड्राफ्ट की सुविधा

कुछ सरकारी और प्राइवेट बैंक अपने ग्राहकों को सैलरी अकाउंट में Overdraft की सुविधा मिलती है, जिससे इमरजेंसी में आपके अकाउंट में पैसे न होने पर भी पैसे निकालने की सहूलियत होती है.

Priority Services

कुछ सरकारी और प्राइवेट बैंक अपने ग्राहकों को कई बैंक सैलरी अकाउंट होल्डर्स को Priority Services देते हैं, जिसमें आपको फास्ट सर्विस, स्पेशल कस्टमर केयर नंबर और स्पेशल ऑफर्स मिलते हैं.

क्रेडिट कार्ड

कुछ सरकारी और प्राइवेट बैंक अपने ग्राहकों को कई बैंक सैलरी अकाउंट होल्डर्स को मुफ्त क्रेडिट कार्ड और शानदार ऑफर्स देते हैं. इसमें Annual Fee में छूट और Reward Points शामिल होते हैं.

डिजिटल बैंकिंग पर फ्री सर्विस

कुछ सरकारी और प्राइवेट बैंक अपने ग्राहकों को सैलरी अकाउंट में कई बार NEFT, RTGS जैसी डिजिटल सर्विस मुफ्त होती हैं, जिससे पैसों का ट्रांसफर आसान और किफायती बनता है. कुछ बैंक प्रीमियम सैलरी अकाउंट पर फ्री IMPS ट्रांजैक्‍शन की भी सुविधा देते हैं.

फ्री चेक बुक और डेबिट कार्ड

कुछ सरकारी और प्राइवेट बैंक अपने ग्राहकों को सैलरी अकाउंट पर अक्सर बैंक मुफ्त चेक बुक और डेबिट कार्ड की सर्विस देते हैं. ये छोटे-छोटे खर्चे आपके लिए बचत का कारण बन सकते हैं.

फ्री ATM ट्रांजैक्शन

कुछ सरकारी और प्राइवेट बैंक अपने ग्राहकों को सैलरी अकाउंट में बैंक आमतौर पर हर महीने कई फ्री ATM ट्रांजैक्शन देते हैं, जिससे आप पैसों की जरूरत पर बिना एक्स्ट्रा चार्ज के कैश निकाल सकते हैं.इसके अलावा एटीएम सुविधा के लिए सैलरी अकाउंट पर सालाना चार्ज भी नहीं वसूला जाता है.

Zero Balance का फायदा

कुछ सरकारी और प्राइवेट बैंक अपने ग्राहकों को ज्यादातर सैलरी अकाउंट में Zero Balance का फायदा मिलता है, मतलब आपके अकाउंट में मिनिमम बैलेंस बनाए रखने की चिंता नहीं होती. ये सुविधा Saving Account में नहीं मिलती.

Auto Sweep फैसिलिटी

कुछ सरकारी और प्राइवेट बैंक अपने ग्राहकों को Auto Sweep की सुविधा देते है, लेकिन शायद आपको इसके बारे में न पता हो. हम आपको यहां एक सर्विस Auto Sweep Facility के बारे में बता रहे हैं, जिसके जरिए आप अपने सेविंग्स अकाउंट के सरप्लस फंड पर और ज्यादा ब्याज कमा सकते हैं. दरअसल, Salary Accounts पर ग्राहकों को एक फैसिलिटी देते हैं,

फ्री पासबुक और चेकबुक की सुविधा

कुछ सरकारी और प्राइवेट बैंक अपने ग्राहकों को कई बैंक वेतन खाताधारकों को मुफ्त चेकबुक, पासबुक और इलेक्ट्रॉनिक स्टेटमेंट प्रदान करते हैं। इसके अलावा, वेतन क्रेडिट के संबंध में एसएमएस सूचनाओं के लिए कोई शुल्क नहीं देना होता हे.

अन्य सुविधाएँ

कुछ सरकारी और प्राइवेट बैंक अपने ग्राहकों मुफ्त में मल्‍टी सिटी चेक, लॉकर चार्ज पर 25 फीसदी की छूट, फ्री ड‍िमैट अकाउंट और फ्री एयरपोर्ट लाउंज एक्‍ससे की भी सुविधा मिलती है.

अगर सैलरी नहीं आये तब क्या होगा

अगर आपके Salary Account में तीन महीने तक सैलरी क्रेडिट नहीं होती है तो आपके इस अकाउंट को फिर Savings Account में बदल दिया जाता है और फिर इसमें आपको मिनिमम बैलेंस रखने की भी जरूरत पड़ती है। इसके अलावा, अगर आपका बैंक आपके सेविंग अकाउंट को सैलरी अकाउंट में बदलने का परमिशन देता है तो आप ऐसा कर सकते हैं। हालांकि यह तभी होगा जब आप आप अपनी नौकरी बदलते हैं और आपका नया नियोक्ता अपने कर्मचारियों के सैलरी अकाउंट के लिए उसी बैंक के साथ करार करता है। बात ब्याज दर की करें तो बैंक सैलरी और सेविंग अकाउंट दोनों पर ब्याज देते हैं। ब्याज दरें आपके अकाउंट के प्रकार पर निर्भर करती हैं।

By ANKIT SACHAN

अंकित सचान इन्वेस्टमेंट अड्डा के लेखक , पेशे से इंजीनियर और AMFI Registered म्यूच्यूअल फण्ड डिस्ट्रीब्यूटर हैं।

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