क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की डिजिटल करेंसी  होती है यह एक तरह का Digital Asset होता है.इसे  कंप्यूटर के द्वारा डेवेलोप किये गए एल्गोरिथ्म पर बनी होती है. यह एक स्वतंत्र करेंसी है जिसका स्वामित्व किसी के पास नहीं होता है. इसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है. यह एक Peer to Peer (P to P)  Electronic System होता है जिसका इस्तमाल हम  इंटरनेट के माध्यम से regular currencies के जगह में Goods और Services को purchase करने के लिए कर सकते हैं. इस व्यवस्था में सरकार या Banks का हस्तक्षेप धन के  स्थांतरणकुछ भी नहीं होता है  इसलिए कुछ लोगों का मानना है की क्रिप्टोकरेंसी  का इस्तमाल गलत तरीके से भी किया जा सकता है.


What is cryptocurrency ? क्रिप्टो करेंसी  क्या है ?



अब बात आती है की  जब इतनी सारी करेंसी थी तब इसकी जरूरत क्यों पड़ी ?

दरअसल एक मुद्रा में 8 गुण मौजूद होने चाहिए तभी वह टिकती है जैसे हमारे पूर्वज मुद्रा या करेंसी की जगह पहले वस्तुओ का आदान प्रदान होता था फिर सोने -चांदी के सिक्कों से उसके बाद  हर एक देश की अपनी अपनी करेंसी जैसे रुपया डॉलर , यूरो  इत्यादि आये ,एक मुद्रा में 8 गुण मौजूद होने चाहिए जो की निम्न लिखित हैं 

1-सामान्य स्वीकार्यता-यह पैसे का सार है। जब तक कोई व्यक्ति यह नहीं जानता कि वह अपने सामान या सेवाओं के बदले जो धन स्वीकार करता है, वह दूसरों द्वारा भी बिना किसी आपत्ति के लिया जाएगा, वह इसे स्वीकार नहीं करेगा. 

2-Portability-मुद्रा के रूप में उपयोग के लिए उपयुक्त वस्तु ऐसी होनी चाहिए कि इसे आसानी से और किफायती रूप से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाया जा सके।वस्तुओं की अदला बदली इसी वजह से बंद हो गयी जैसे अगर कोई 100 kg चावल बेचना चाहे तो उसे उसके बदले में 50 kg चना मिले तो उसको आसानी ले जाना सहज नहीं होगा। 

3-Durability:चूँकि पैसा हाथ से हाथ में आता जाता है या फिर बैंक में या किसी सुरक्षित स्थान में रखा जाता है तो इसमें से आसानी से टूटफूट या वाष्पीकृत के फलस्वरूप खराब नहीं होना चाहिए

4- एकरूपता – धन के रूप में प्रयुक्त पदार्थ के सभी भाग या नमूने सजातीय होने चाहिए, अर्थात समान गुण वाले होने चाहिए 

5-विभाज्यता:धन सामग्री को विभाजित करने में सक्षम होना चाहिए आप सोने या चांदी के सिक्के से आसानी से एक चाय नहीं पी सकते हैं क्यों की उसे आप इतनी छोटे -छोटे टुकड़ों में नहीं कर सकते हैं की उन टुकड़ों की कीमत एक कप चाय के बराबर हो जाये।  इसी वजह से सोने चांदी के सिक्के चलन से बाहर हो गए 

6-लचीलापन:धन सामग्री को पिघलाने, पीटने और सुविधाजनक आकार देने में सक्षम होना चाहिए। यह न ज्यादा सख्त और न ज्यादा मुलायम होना चाहिए।

7-Cognizability इससे हमारा तात्पर्य किसी पदार्थ की आसानी से पहचाने जाने और अन्य सभी पदार्थों से अलग होने की क्षमता से है। विनिमय के माध्यम के रूप में, धन को लगातार हस्तांतरित करना पड़ता है; और यदि इसे प्राप्त करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को इसकी जांच, वजन और परीक्षण करना पड़े तो इससे बड़ी असुविधा होगी। 

8-मूल्य की स्थिरता:धन मूल्य में उतार-चढ़ाव के अधीन नहीं होना चाहिए। मूल्य का उतार-चढ़ाव मानक एक बदलते यार्ड या किलोग्राम की तरह है। एक सामग्री का मूल्य, जिसका उपयोग अन्य सभी सामग्रियों के मूल्य को मापने के लिए किया जाता है, स्थिर होना चाहिए।

पहले हर एक रूपये या करेंसी की कीमत उतने गोल्ड की कीमत के बराबर होती थी परन्तु 1971 से जब US गोल्ड स्टैण्डर्ड से निकला तब धीरे धीरे  लगभग सारे देश इस एक्सचेंज से निकल गए और अंधाधुंध करेंसी छाप रहे है इसी वजह से आज कल RBI बैंक  गवर्नर रूपये में धारक को रूपये की कीमत अदा करने का बचन देता है। धीरे धीरे रूपये की कीमत दिन पर दिन गिर रही है यही main कारण है जिसके वजह से क्रप्टोकरेन्सी की जरूरत महसूस हुयी।    

क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत 

क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत 2009 में हुई थी. विश्व की पहली क्रप्टो करेंसी ( बिटकॉइन )को जापान के एक एल्गोरिथ्म इंजीनियर सतोषी नकामोटो के द्वारा बनाया गया था  इससे ज्यादा इनके बारे में कोई कुछ नहीं जानता है .

तब से लेकर के अब तक 18650 से ज्यादा  प्रकार की क्रिप्टोकरंसी आ चुकी है जोकि पूर्णतया इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के रूप में कार्य करती हैं.

अब तक अब बात आती है सबसे पहले क्रप्टो करेंसी कब उपयोग की गयी 

क्रिप्टो करेंसी का सबसे पहले उपयोग  कब हुआ था?

सबसे पहले उपयोग की जाने वाली क्रप्टो करेंसी बिटकॉइन थी जिसका उपयोग एक पिज़्ज़ा खरीदने के लिए 22 मई 2010 को किया गया था. जोकि10000 बिटकॉइन दे कर के खरीदा गया था

जैसे हम लोग रुपये पैसे को बैंक में रखते है और अपने वॉलेट में रखते हैं परन्तु आप क्रप्टो करेंसी को पंजाब नेशनल बैंक या स्टेट बैंक में नहीं रख सकते क्यों की बैंक के सिस्टम  इन सब के लिए नहीं डिज़ाइन है वह बस रूपये पैसे ही आपके  अकाउंट में रख सकते है इसके लिए अलग टाइप के वॉलेट होते है   जिन्हे क्रिप्टो करेंसी वॉलेट कहा जाता है-क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट भी ठीक उसी प्रकार का होता है जैसे Paytm  का  होता है. इसका उपयोग क्रिप्टोकरेंसी को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है.  इस करेंसी का आदान प्रदान के लिए इंटरनेट का होना बहुत जरूरी है बिना इंटरनेट के आप अपने वॉलेट से धन की निकासी नहीं कर पाएंगे 

यह एक विशेष तरह का वॉलेट होता है, जिसके अंदर आपको अपने किसी भी प्राइवेट नंबर (यूजरनेम  )के साथ एक कोड जनरेट करना होता है  जिसे key कहते है मतलब वह आपका पासवर्ड है जब आपको अपना वॉलेट खोलना के लिए की (पासवर्ड ) दर्ज करना होगा परन्तु बाहर जाने  करने के लिए कोई पासवर्ड नहीं डालना होगा।  आप उसमें अपने सभी प्रकार के क्रिप्टो करेंसी को वॉलेट में रख सकते हैं वैसे तो बहुत सारे वॉलेट हैं परन्तु उनमें सबसे प्रसिद्ध Trust Wallet है गूगल प्ले स्टोर पर इसका एक एप्लीकेशन उपलब्ध है 

Trust Wallet डाउनलोड करने लिए क्लिक करें 

Cryptocurrencies के प्रकार

देखा जाये तो Cryptocurrencies बहुत सारी हैं लेकिन उनमें से कुछ ही ऐसे हैं जो की अच्छा perform कर रहे हैं और जिन्हें आप Bitcoin के अलावा भी इस्तमाल कर सकते हैं.

Bitcoin (BTC)

अगर हम क्रिप्टोकरेंसी की बात करें तो  Bitcoin का नाम सबसे ऊपर आता है  क्यूंकि Bitcoin दुनिया से सबसे पहला क्रिप्टोकरेंसी है. 

ये एक डिजिटल करेंसी  है जिसे आप  केवल online ही goods और services खरीदने के लिए इस्तमाल किया जाता है. यह एक De-centrallized करेंसी है जिसका मतलब है की इस पर Government या कोई भी institution का कोई भी Control नहीं है .

अगर हम आज की बात करें तो इसका मूल्य अब बहुत अधिक है जो की अब एक coin का मूल्य लगभग 35 Lacks के करीब है . इससे आप इसके वर्तमान के महत्व के बारे में जान गए होंगे .

2.Ethereum (ETH)

Bitcoin के  तरह  ही Ethereum भी एक  open-source, decentralized ब्लॉक चेन -based computing platform है. 

ये Platform अपने  users को digital token बनाने में मदद करता है जिसकी मदद से इसे currency के  तौर पर  पर इस्तेमाल किया जा सकता है.  Bitcoin के बाद यह   दूसरी सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी है.

क्रिप्टोकरेंसी के फायदे 

 क्रिप्टोकरेंसी के फायदे जो की निम्न लिखित हैं 

1-क्रिप्टोकरेंसी में धोखाधड़ी  होने के चांस  बहुत ही कम हैं.

2-क्रिप्टोकरेंसी की अगर बात की जाये तो ये NEFT ,RTGS , IMPS ,UPI जैसे परम्परागत धन स्थांतरण के तरीकों से इसका धन स्थांतरण से  कहीं ज्यादा सुरक्षित है  

3-इसमें transaction fees भी बहुत है कम है अगर हम दुसरे payment options की बात करें या कहे तो ना के बराबर 

4-क्रिप्टोकरेंसी बहुत ही सुरक्षित  होती है क्यूंकि इसमें अलग अलग प्रकार की क्रिप्टोग्राफ़ी  अलगोरिथम  का इस्तमाल किया जाता है.

 क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान

 क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान जो की निम्न लिखित हैं 

1-क्रिप्टोकरेंसी में एक बार transaction पूर्ण हो जाने पर उसे reverse कर पाना असंभव होता है क्यूंकि इसमें वैसे कोई options ही नहीं होती है.

2-अगर आपके वॉलेट key,मतलब वह आपका पासवर्ड ID खो जाती है तब वो हमेशा के लिए खो जाती है क्यूंकि इसे दुबारा प्राप्त करना संभव नहीं है. ऐसे में आपके जो भी पैसे आपके wallet में  हैं वो सदा के लिए खो जाते हैं.

3-अभी यह किसी रेगुलेटरी बॉडी द्वारा रेगुलेट नहीं हैं मतलब यह की अगर कोई धोखाधड़ी होती है तो हम किसी के पास शिकायत नहीं दर्ज करवा सकते हैं जैसे बैंक के case में RBI Ombudsman, इन्सुरेंस के case में  इरडा , शेयर मार्केट के case में सेबी।  

By ANKIT SACHAN

अंकित सचान इन्वेस्टमेंट अड्डा के लेखक , पेशे से इंजीनियर और AMFI Registered म्यूच्यूअल फण्ड डिस्ट्रीब्यूटर हैं।

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